
Issue : 01
Format : PDF
Pages : 60
Language : Hindi
अनिक प्लैनेट नवंबर 2016 : कॉमिक्स नाम सुनते ही कई सारी खट्टी मीठी यादें दिमाग में कौंध जाती हैं। और आखिर हो भी क्यों ना ? हमारा बालपन जो इसके साथ बीता है।
चित्रों के साथ कहानी का मजा दोगुना हो जाता है। कॉमिक्स के कितने ही पात्र हमारी कल्पना जगत में एकदम सजीव हो जाते थे फिर चाहे वो नागराज की तरह आगे के बाल मोड़ के खुश होना हो, ध्रुव की तरह अपने पैन्ट शर्ट के ऊपर अपनी अंडरवियर और बनियान पहनना, सुपरमैन की तरह चद्दर का केप पहनना, या फिर कोई सवाल जल्दी हल करके ये बोलना कि चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है।

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